यह योग ज्योतिष में एक दोष के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह अक्सर अशुभ परिणाम पैदा करता है। इसका नाम ‘काल’ समय को और ‘सर्प’ सांप को दर्शाता है। वैदिक ज्योतिष में, छाया ग्रह राहु और केतु सर्प के मुँह और शरीर को प्रतिनिधित्व करते हैं।इस योग के प्रकारों में शामिल हैं: Ananta, Kulika, Vasuki, Shankhapal, Padma, Mahapadma, Takshaka, Karkotaka, Shankhachur, Ghatak, Vishdhar, और Shesh Naag
इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए नाग पंचमी पर पूजा करने का विचार रखें एवं विकट या असहनीय स्थिति में संपर्क करें +91-9879918131
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